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प्रेरणा एवं उद्देश्य
भारतीय भाषा प्रौद्योगिकी आए एकटा गंभीर समस्याक रूपमें अपनसभक समक्ष प्रस्तुत अछि । एक दिस भाषिक आ सांस्कृतिक विविधतासभ भारतीय भाषासभ के स्वच्छंदता आ स्वतंत्रता दैत अछि, ओकरा सभके गतिमान बनबैत अछि, ओहिठाम दोसर दिस प्रौद्योगिकी आ संबंधित सामग्रीक अभाव सँ एकर विकासक गति बाधित भ रहल अछि । चाइरटा मुख्य भाषा परिवार, २२ राष्ट्र भाषासभ आ समस्त १७६१ भाषासभक विविधता आ संगणकीय जटिलताक मध्य संस्कृतक परंपरा, मानक, व्याकरण, स्वीकार्यता आ सभके एक सूत्र में बान्हेक क्षमता भाषा प्रौद्योगिकीक समुदाय के आकर्षित करैत रहल अछि।
भारतीय भाषासभक परिवार संस्कृतक भूमिका आ प्रभाव, भारतीय भाषा, संस्कृति आ जन मानस पर विशेष रूप में परल अछि आ प्रौद्योगिकीक दृष्टिसँ महत्वपूर्ण अछि । अनुमानत: ७७% भाषासभ आर्य परिवारक आ लगभग समस्त लिपिसभ ब्राह्मीसँ आएल अछि।
एकर अलावा पाणिनीय पद्धति, शब्दकोश आ भाषायी आ साहित्यिक मानदंड संपूर्ण भाषायी मानचित्र पर प्रभावी रहल अछि । उपरोक्त भूमिका आ तथ्यसभक आलोक में आ भारतीय भाषासभ में भारत सरकारक उपक्रमसभक बावजूदे प्रौद्योगिकी आ संबंधित सामग्रीक अभाव के ध्यान दइत एकटा त्रिदिवसीय अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी ज.ने.वि. आ भारतीय भाषा मंच द्वारा संयुक्त रूपसँ करैक निर्णय केल गेल अछि जइसँ भारतीय भाषासभमें प्रौद्योगिकीक वास्तविक स्थिति आ दिशा निर्देश के तय केल जा सके ।
एसओआईल-टेक (SOIL-Tech) के मुख्य उद्देश्य अइ प्रकारक अछि:
- 22 अनुसूचित भारतीय भाषासभक लेल एक श्वेत पत्रक निर्माण करब
- संस्कृत आ अन्य भारतीय भाषासभ पर भाषा संसाधनसभक विभिन्न स्तरसभक निर्माण करब आ साझा करेक हेतु संबंधित चुनौतिसभक जांच करब
- भारतीय भाषा संसाधन निर्माणकर्ता आ उपयोगकर्तासभक बीच विचार-विमर्श लेल एक स्थान निर्धारित करब
- भारतीय भाषासभसँ संबंधित महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकिसभक निर्माण लेल समर्पित निर्माणकर्ताक समूहसभक निर्माण करब
विषय-विवरण
बितल किछ वर्ष में अनेकानेक संसाधनसभ विकसित आ उपलब्ध कराएल गेल अछि। श्वेत-पत्रक संदर्भ में प्रयोग क्याटा योग्य प्रौद्योगिकीक विकास में बढ़ैत गतिविधिसभ के देखल गेल अछि। अतः SOIL-Tech सम्मेलन, यूरोपीय भाषा प्रौद्योगिकी में मेटा-नेट (META-NET) द्वारा कएल गेल सभ समान भाषासभ पर आ भारतीय भाषा प्रौद्योगिकीसँ संबंधित निर्मित "श्वेत पत्र" पर विशेष ध्यान केंद्रित कएल गेल अछि।
एकरा अलावा भारतीय भाषा तकनीकी संसाधनसभसँ संबंधित निम्नलिखित विषयसभ पर जेना तकनीकी, आ नीतिक स्थिति पर शोध पत्र आमंत्रित अछि:
- कॉर्पोरा – टेक्स्ट, स्पीच, मल्टीमॉडल, मेथोड़ोलोजी, एनोटेशन और टूल्स
- डिजिटल मानविकी
- ई-लर्निंग
- रूपात्मक व्याकरण
- हेरिटेज कंप्यूटिंग
- सूचना निष्कर्षण आ पुनर्प्राप्ति
- प्राकृतिक भाषा संसाधनक लेल भाषा स्रोत
- शब्दकोश आ मशीन-पठनीय शब्दकोश
- मशीनी अनुवाद
- सत्तामीमांसा-विषयक
- प्राचीन पांडुलिपिसभक डिजिटलीकरणक प्रविधिसभ
- डिजिटल लाइब्रेरी
- वाक् प्रौद्योगिकी
- भाषा संसाधन अनुप्रयोगसभक लेल मानक व विनिर्देश
- वेब सेमेन्टिक्स
प्रविष्टि एवं समीक्षा, दुन्नू प्रक्रियासभ के तकनीकी रूपसँ संचालित कएल जाएत। समीक्षाक प्रक्रिया डबल ब्लाइंड होएत।
संस्कृत एवं अन्य भारतीय भाषाएं - प्रौद्योगिकी
तिथि: शुक्रवार-रविवार, 15-17 फ़रवरी 2019
स्थान: सम्मेलन केन्द्र, ज.ने.वि., नई दिल्ली
वेब-पटल:
मुख्य वेब-पटल - http://sanskrit.jnu.ac.in/conf/soiltech1
पत्र जमा करने हेतु - https://easychair.org/conferences/?conf=soiltech2018
दिनांक
अगस्त 12, 2018 पत्र की अंतिम तिथि
अक्टूबर 12, 2018 पोस्टर की अंतिम तिथि
अक्टूबर 10, 2018 स्वीकृत पत्रों की सूचना
अक्टूबर 20, 2018 स्वीकृत पोस्टर की सूचना
अक्टूबर 25, 2018 कैमरा रेडी पत्र की अंतिम तिथि
फ़रवरी 15-17, 2019 सम्मेलन
प्रविष्टियों
शोध-पत्र मूल रूपसँ मौलिक आ अप्रकाशित काजके वर्णन होबक चाहि। प्रत्येक प्रविष्ट शोध-पत्रक समीक्षा कम सँ कम तीन कार्यक्रम समितिक सदस्यसभ द्वारा पूर्ण कएल जाएत।
स्वीकृत शोध-पत्र 10-20 पृष्ठ (श्वेत पत्रसभक लेल), 10 पृष्ठ (शोध पत्रसभक लेल) आ सम्मेलन में प्रस्तुत लघु शोध-पत्र / पोस्टरक लेल 5 पृष्ठ तक होबक चाहि जकर प्रस्तुति मौखिक या पोस्टरक रूप में प्रस्तुत कएल जाइत।
SOIL-Tech स्टाइल शीटक अनुरूपे शोध-पत्र प्रारूपित कएल जाएक चाहि, जकर सूचना SOIL-Tech 2019 के वेब-पटल पर उपलब्ध अछि। कृपया संपूर्ण शोध-पत्र EasyChair (https://easychair.org/conferences/?conf=soiltech2018) के माध्यम सँ पीडीएफ प्रारूप में जमा करू। शोधपत्र-संग्रह गरुड़ प्रकाशन द्वारा कएल जाएत।।
शोध-पत्र प्रस्तुतिक निम्नलिखित श्रेणिसभ अछि:
पूर्ण शोध-पत्र (10 पृष्ठ)
लघु शोध-पत्र (प्रगति कार्य- 5 पृष्ठ)
पाछू किछ साल में अनेकानेक संसाधन विकसित आ उपलब्ध कएल गेल अछि। श्वेत-पत्रक संदर्भ में प्रयोग क्याटा योग्य प्रौद्योगिकीक विकास में बढैत गतिविधिसभ के देखल गेल अछि। अतः SOIL-Tech सम्मेलन, यूरोपीय भाषा प्रौद्योगिकी में मेटा-नेट (META-NET) द्वारा कएल गेल सभटा समान भाषासभ पर आ भारतीय भाषा प्रौद्योगिकी सँ संबंधित निर्मित "श्वेत पत्र" पर विशेष ध्यान केंद्रित कएल जाएत। एकर अलावे भारतीय भाषा तकनीकी संसाधनसभसँ संबंधित निम्नलिखित विषयसभ पर जेना- तकनीकी, आ नीतिक स्थिति पर शोध पत्र आमंत्रित अछि:
- कॉर्पोरा – टेक्स्ट, स्पीच, मल्टीमॉडल, मेथोड़ोलोजी, एनोटेशन और टूल्स
- डिजिटल मानविकी
- ई-लर्निंग
- रूपात्मक व्याकरण
- हेरिटेज कंप्यूटिंग
- सूचना निष्कर्षण आ पुनर्प्राप्ति
- प्राकृतिक भाषा संसाधनक लेल भाषा स्रोत
- शब्दकोश आ मशीन-पठनीय शब्दकोश
- मशीनी अनुवाद
- सत्तामीमांसा-विषयक
- प्राचीन पांडुलिपिसभक डिजिटलीकरणक प्रविधिसभ
- डिजिटल लाइब्रेरी
- वाक् प्रौद्योगिकी
- भाषा संसाधन अनुप्रयोगसभक लेल मानक व विनिर्देश
- वेब सेमेन्टिक्स
प्रविष्टि आ समीक्षा, दुन्नू प्रक्रियासभ के तकनीकी रूपसँ संचालित कएल जाएत। समीक्षा प्रक्रिया डबल ब्लाइंड (double-blind) होएत।
अन्य जानकारी हेतु कृपया निम्नलिंक देखें: http://sanskrit.jnu.ac.in/conf/soiltech1/index.jsp
आयोजन कर्ता
- गिरिश नाथ झा, जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय, नई दिल्ली
- वृषभ प्रसाद जैन,भारतीय भाषा मंच एवं म.गां.अ.हिं.वि.वि.,वर्धा
आयोजन प्रबंधक:
अतुल कुमार ओझा, सीनियर एनएलपी रिसर्च इंजीनियर, एमटीईपी प्रोजेक्ट@ज.ने.वि.वि shashwatup9k@gmail.com
आयोजन कर्ता
गिरिश नाथ झा, जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय, नई दिल्ली
वृषभ प्रसाद जैन, भारतीय भाषा मंच एवं म.गां.अ.हिं.वि.वि.,वर्धा
आयोजन समिति का विवरण
गिरिश नाथ झा
प्रोफेसर - संगणकीय भाषाविज्ञान
एवं डीन, संस्कृत एवं प्राच्यविद्या अध्ययन संस्थान,
ज.ने.वि, नई दिल्ली-110067
फोन नं: 91-11-26741308 (o) ईमेल: girishjha@gmail.com
गिरीश नाथ झा, कम्प्यूटेशनल भाषाविज्ञानक प्रोफेसर आ संस्कृत एवं प्राच्यविद्या अध्ययनक संस्थान, ज.ने.विद्यालयक संकायाध्यक्ष छैथ। प्रोफेसर झा भाषाविज्ञान केंद्रक, भाषा साहित्य और संस्कृति अध्ययन इस्कूलक, जेएनयू मे प्रोफेसर आ समवर्ती संकाय सदस्य सेहो छैथ। प्रोफेसर झा सेंटर फॉर इंडिक इस्टडीज, मैसाचुसेट्स विश्वविद्यालयक, डार्टमाउथ, एमए, यूएसए मे 2009-2012, 2013 मे योग्यकर्ता इस्टेट यूनिवर्सिटी, इंडोनेशिया, आ 2014 आ नवंबर 2016 मे जर्मनीक वुर्जबर्ग विश्वविद्यालय मे अतिथि प्रोफेसर छला। जून 2016 मे इटलीक फ्लोरेंस विश्वविद्यालय मे सेहो अतिथि प्रोफेसर छलाइथ। प्रोफेसर झा जेएनयू सं भाषाविज्ञान (कम्प्यूटेशनल भाषाविज्ञान) मे अपन डॉक्टरेटक डिग्री पूरा केलाइथ आ फेर 1999 मे इलिनॉय विश्वविद्यालयक, संयुक्त राष्ट्र अमेरिका सं भाषाविज्ञान (प्राकृतिक भाषा इंटरफेस) मे द्वितीय मास्टर्स डिग्री पूरा केलाइथ। अपने 2002 सं ज.ने.वि मे अध्यापनक काज क रहल छैथ। ज.ने.वि आबए सं पहिने संयुक्त राष्ट्र अमेरिका मे सॉफ्टवेयर इंजीनियरक रूप मे ई काज केलाइथ। प्रोफेसर झाक शोध रुचि मे भारतीय भाषा सब के निगम आ मानक सब, संस्कृत आ हिंदी भाषाविज्ञानक, कम्प्यूटेशनल कोशविज्ञान, मशीन अनुवाद, प्राकृतिक भाषा इंटरफेस, ई-लर्निंग, वेब आधारित प्रौद्योगिकि सब, आरडीबीएमएस तकनीक, सॉफ्टवेयर डिजाइन आ स्थानीयकरण अछि। ई परामर्शदाताक रूप मे एलडीसी (पेंसिल्वेनिया विश्वविद्यालयक), माइक्रोसॉफ्ट कॉर्प. आ माइक्रोसॉफ्ट रिसर्च इंडियाक लेल काज केलखिन। ई 2012 मे माइक्रोसॉफ्टक बिंग ट्रांसलेटरक लेल अंग्रेजी-उर्दू मशीन अनुवाद बनाबक लेल सहयोग देने छलाइथ। प्रोफेसर झा वर्तमान मे प्रमुख भारतीय भाषासब लेल पैरलल एनोटेटेड कॉर्पोरा विकसित करक लेल 17 भारतीय विश्वविद्यालय सबक एक संघक नेतृत्व क रहल छैथ।
वृषभ प्रसाद जैन
प्रोफेसर एवं निदेशक भाषा विद्यापीठ,
महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय, वर्धा -442001
फोन नं.: 011-91-522-2732703 ई-मेल: vrashabh.jain@gmail.com
वृषभ प्रसाद जैन, भाषाविज्ञानक तथा भारतीय भाषासब कें विविध पक्ष पर शोधक संग-संग साहित्यक विभिन्न विधासब मे सर्जनात्मक आ वैचारिक लेखन। राष्ट्रीय आ अंतरराष्ट्रीय स्तरक बहुत रास सम्मेलन सब मे आलेख-पाठ एवं विश्व संस्कृत सम्मेलन, नीदरलैण्ड मे भारतीय व्याकरण सत्रक अध्यक्षता। यूरोप आ अमेरिकाक बहुत रास विश्वविद्यालय सब मे अतिथि-व्याख्यान। संस्कृत पारंपरिक शिक्षाक संग-संग भाषाविज्ञान सं संबंधित अधुनातन विषय सब मे अध्ययन आ अनुसंधान। 'बाहुबलीयम्' काव्यकृति पर उ.प्र. संस्कृत संस्थान द्वारा पुरस्कृत। आचार्य पं. विद्यानिवास मिश्रक संग भारतीय भाषा तत्व मीमांसा विश्वकोशक सहायक संपादक रहथिन। क.मा. मुंशी हिंदी तथा भाषाविज्ञान विद्यापीठ मे शोध, भोपाल विश्वविद्यालय, भोपाल; संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय, वाराणसी; लखनऊ विश्वविद्यालय मे अध्यापन आ शोध-निर्देशन। वर्तमान मे महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालयक महत्वपूर्ण योजना सब (1) हिंदी व्याकरण; (2) समसामयिक हिंदी प्रयोग कोशक निर्देशन आ संपादन मे संलग्न रहइत भाषा-केन्द्र, लखनऊ मे आचार्य एवं निदेशकक रूप मे कार्यरत। वर्तमान मे वर्धा मुख्यालय मे स्थित महात्मा गाँधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालयक अंतर्गत भाषा-विद्यापीठ मे बतौर प्रोफेसर एवं निदेशकक रूप में कार्यरत छथिन।
आयोजन समिति
- अतुल कोठारी, भारतीय भाषा मंच
- अनुपम शुक्ला, एबीवी-आईआईआईटी, ग्वालियर
- ईश्वर दयाल कंसल, भारतीय भाषा मंच
- संतोष कुमार शुक्ला, जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय, नई दिल्ली
- बृजेश पांडेय, जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय, नई दिल्ली
- रजनीश कुमार मिश्रा, जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय, नई दिल्ली
- मलखान सिंह, जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय, नई दिल्ली
कार्यक्रम समिति
- आदिल अमिन काक़, कश्मीर विश्वविद्यालय
- अरुल मोज़ी, हैदराबाद विश्वविद्यालय
- आसिफ इक़बाल, आईआईटी पटना, पटना
- अनिल कुमार सिंह, आईआईटी बीएचयू, बनारस
- अनुपम बासु, निदेशक, एनआईआईटी, दुर्गापुर
- बोगडन बेबीच, लीड्स विश्वविद्यालय, यूके
- दीप्ति मिश्रा शर्मा, आईआईआईटी, हैदराबाद
- दीवाकर मिश्रा, ईजेडीआई, अहमदाबाद
- डोरोथी बेरमेन, नार्वेजियन विश्वविद्यालय विज्ञान और प्रौद्योगिकी (एनटीएनयू)
- एलिजाबेथ शेरली, आईआईटीएम-केरल, त्रिवेंद्रम
- ईशा बनर्जी, गूगल, यूएसए
- गिरीश नाथ झा, जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय, नई दिल्ली
- ज्योति डीपावर, गोवा विश्वविद्यालय
- करुणेश अरोड़ा, सीडैक नोएडा
- कलिका बाली, एमएसआरआई, बैंगलोर
- लार्स हेलन, एनटीएनयू, नॉर्वे
- मल्हार कुलकर्णी, आईआईटी बॉम्बे
- मंजी भद्रा, बांकुरा विश्वविद्यालय, पश्चिम बंगाल
- मासिमो मोनाग्लिया, फ्लोरेंस विश्वविद्यालय, इटली
- मोनोजित चौधरी, एमएसआरआई बैंगलोर
- नारायण चौधरी, सीआईआईएल, मैसूर
- निलाद्री शेखर दाश, आईएसआई कोलकाता
- पंचानन मोहंती, हैदराबाद विश्वविद्यालय
- पिंकी नैनवानी, कॉग्निजेंट टेक्नॉलजी सोल्यूशन्स, बैंगलोर
- पुष्पक भट्टाचार्य, निदेशक, आईआईटी पटना
- राहुल गर्ग, आईआईटी दिल्ली, दिल्ली
- रितेश कुमार, आगरा विश्वविद्यालय, आगरा
- एसएस अग्रवाल, केआईआईटी, गुड़गांव, भारत
- शान्तनु चौधरी, निदेशक, सीएएआरइ पिलानी
- शिवाजी बंदोपाध्याय, निदेशक, एनआईटी, सिलचर
- सचिन कुमार, सीडैक पुणे
- सोभा एल, निदेशक, एयू-केबीसी रिसर्च सेंटर, अन्ना विश्वविद्यालय
- सुभाष चंद्र, दिल्ली विश्वविद्यालय
- स्वर्ण लता, प्रमुख, टीडीआईएल, एमसीआईटी, भारत सरकार
- विशाल गोयल, पंजाबी विश्वविद्यालय, पटियाला
- वृषभ प्रसाद जैन, भारतीय भाषा मंच और म.गां.अ.हिं.वि.वि., वर्धा
संपर्क करें - प्रो. गिरिश नाथ झा (girishjha@jnu.ac.in)
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