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Sutra: | योहृष्टरोमा रक्ताक्षो हृदि सङ्घातशूलवान्। नित्यं वक्त्रेण चोच्छ्वस्यात् तं ज्वरो हन्ति मानवम्। |
Reference: | 1.1.33.16.0(पूर्व>सूत्र>अवारणीयम्>सूत्र#16.0) |
Tantra: | पूर्व |
Sthana: | सूत्र |
Adhyaya: | अवारणीयम् |
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