Index Search for 'हिङ्ग्वादिकं' |
Sutra: | कृमिगुल्मोदराशोर्घ्नी: क्रियाश्चात्रावचारयेत। चूर्णंहिङ्ग्वादिकं चात्र घृतं वा प्लीहनाशनम्॥ |
Reference: | 1.1.40.179.0(पूर्व>सूत्र>द्रव्यरसगुणवीर्यविपाकविज्ञानीयम्>सूत्र#179.0) |
Tantra: | पूर्व |
Sthana: | सूत्र |
Adhyaya: | द्रव्यरसगुणवीर्यविपाकविज्ञानीयम् |
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