Index Search for 'हन्यात्।' |
Sutra: | शुण्ठीं घृतं सक्षवकं सतैलं विपाच्य लीढवाऽऽमयमाशूहन्यात्। गजाशनाकुम्भिकदाङिमानां रसै: कृता तैलघृते सदध्नि॥ |
Reference: | 1.1.40.154.0(पूर्व>सूत्र>द्रव्यरसगुणवीर्यविपाकविज्ञानीयम्>सूत्र#154.0) |
Tantra: | पूर्व |
Sthana: | सूत्र |
Adhyaya: | द्रव्यरसगुणवीर्यविपाकविज्ञानीयम् |
Search other sources: | search this word on other online resources
|