Index Search for 'हन्त्युदरामयम्॥' |
Sutra: | कोशकारं घृते भृष्टं लाजचूर्णं सिता मधु। सशूलं रक्तपित्तोत्थं लीढंहन्त्युदरामयम्॥ |
Reference: | 1.1.40.126.0(पूर्व>सूत्र>द्रव्यरसगुणवीर्यविपाकविज्ञानीयम्>सूत्र#126.0) |
Tantra: | पूर्व |
Sthana: | सूत्र |
Adhyaya: | द्रव्यरसगुणवीर्यविपाकविज्ञानीयम् |
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