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Sutra: | तद्यथाविदारिगन्धा विदारी विश्वदेवा सहदेवा श्वदंष्ट्रा पृथक्पर्णी शतावरी सारिवा कृष्णसारिवा जीवकर्षकभौ महासहा क्षुद्रसहा बृहत्यौ पुनर्नवैरण्डोहंसपादी वृश्चिकाल्यृषभी चेति॥ |
Reference: | 1.1.38.4.0(पूर्व>सूत्र>द्रव्यसंग्रहणीयम्>सूत्र#4.0) |
Tantra: | पूर्व |
Sthana: | सूत्र |
Adhyaya: | द्रव्यसंग्रहणीयम् |
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