Index Search for 'लूतास्तदुग्रमध्यावरवीर्ययुक्तम्॥' |
Sutra: | विषं तु लालानखमूत्रदंष्ट्रारजःपुरीषैरथ चेन्द्रियेण। सप्तप्रकारं विसृजन्तिलूतास्तदुग्रमध्यावरवीर्ययुक्तम्॥ |
Reference: | 1.1.8.85.0(पूर्व>सूत्र>शस्त्रावचारणीयम्>सूत्र#85.0) |
Tantra: | पूर्व |
Sthana: | सूत्र |
Adhyaya: | शस्त्रावचारणीयम् |
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