Index Search for 'लीढं' |
Sutra: | विचूर्ण्यलीढं मधुनाऽचिरेण कूम्भाह्वयं पाण्डुगदं निहन्यात्। सिन्धूद्भवं वाऽग्निसमं च कृत्वा क्षिप्त्वा च मूत्रे सकृदेव तप्तम्॥ |
Reference: | 1.1.44.33.0(पूर्व>सूत्र>विरेचनद्रव्यविकल्पविज्ञानीयम्>सूत्र#33.0) |
Tantra: | पूर्व |
Sthana: | सूत्र |
Adhyaya: | विरेचनद्रव्यविकल्पविज्ञानीयम् |
Search other sources: | search this word on other online resources
|