Index Search for 'लाजतर्पणम्॥' |
Sutra: | क्लिन्नां यवागूं मन्दाग्नि तृषार्तं पाययेन्नरम्। तृट्छर्दिदाहघर्मार्तं मद्यपंलाजतर्पणम्॥ |
Reference: | 1.1.39.135.0(पूर्व>सूत्र>संशोधनसंशमनीयम्>सूत्र#135.0) |
Tantra: | पूर्व |
Sthana: | सूत्र |
Adhyaya: | संशोधनसंशमनीयम् |
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