Index Search for 'लवणैरुपेतं' |
Sutra: | कटुत्रिकं वालवणैरुपेतं पिबेत् स्नुहीक्षीरविमिश्रितं तु। कल्याणकं वा लवणं पिबेत्तु यदुक्तमादावनिलामयेषु॥ |
Reference: | 1.2.56.16.0(पूर्व>निदान>विसर्पनाडीस्तनरोगनिदानम्>सूत्र#16.0) |
Tantra: | पूर्व |
Sthana: | निदान |
Adhyaya: | विसर्पनाडीस्तनरोगनिदानम् |
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