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Sutra: | रोहिणीसर्जखदिरपलाशकुभत्वचः। निष्क्वाथ्य तस्मिन्निष्क्वाथे सक्षीरं विपचेद्घृतम्॥ |
Reference: | 1.1.34.5.0(पूर्व>सूत्र>युक्तसेनीयम्>सूत्र#5.0) |
Tantra: | पूर्व |
Sthana: | सूत्र |
Adhyaya: | युक्तसेनीयम् |
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