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Sutra: | महान्त्यल्पानि वा शुद्धदेहानामनुलोमसन्निविष्टानिरोहन्ति, विशेषतः कण्ठस्रोतः सिरात्वक्पेश्यस्थिविवरेषु। दोषप्रकोपव्यायामाभिघाताजीर्णेभ्यः प्रचलितानि पुनर्बाधन्ते। |
Reference: | 1.1.26.11.0(पूर्व>सूत्र>प्रनष्टशल्यविज्ञानीयम्>सूत्र#11.0) |
Tantra: | पूर्व |
Sthana: | सूत्र |
Adhyaya: | प्रनष्टशल्यविज्ञानीयम् |
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