Index Search for 'रोगम्॥' |
Sutra: | दोषैर्विदग्धैर्गलतालुमूले संवासितो यस्य समीरणस्तु। निरेति पूतिर्मुखनासिकाभ्यां तं पूतिनासं प्रवदन्तिरोगम्॥ |
Reference: | 1.1.22.8.0(पूर्व>सूत्र>व्रणास्रावविज्ञानीयम्>सूत्र#8.0) |
Tantra: | पूर्व |
Sthana: | सूत्र |
Adhyaya: | व्रणास्रावविज्ञानीयम् |
Search other sources: | search this word on other online resources
|