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Sutra: | गुल्फौ द्वौ मणिबन्धौ द्वौ द्वे द्वे कूर्चशिरांसि च।रुजाकराणि जानीयादष्टावेतानि बुद्धिमान्। क्षिप्राणि विद्धमात्राणि घ्नन्ति कालान्तरेण च॥ |
Reference: | 1.1.6.15.0(पूर्व>सूत्र>ऋतुचर्यम्>सूत्र#15.0) |
Tantra: | पूर्व |
Sthana: | सूत्र |
Adhyaya: | ऋतुचर्यम् |
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