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Sutra: | निम्बाम्बुवामितवतः कफजेऽनुपानंराजद्रुमाम्बु मधुना तु सदीप्यकं स्यात्। चूर्णं यदुक्तमथवाऽनिलजे तदेव सर्वैश्च सर्वकृतमेवमुपक्रमेत॥ |
Reference: | 1.2.57.8.0(पूर्व>निदान>ग्रन्थपच्यर्बुदगलगण्डनिदानम्>सूत्र#8.0) |
Tantra: | पूर्व |
Sthana: | निदान |
Adhyaya: | ग्रन्थपच्यर्बुदगलगण्डनिदानम् |
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