Index Search for 'रसमुपलभते' |
Sutra: | तदेवावनिपतितमन्यतमंरसमुपलभते स्थानविशेषान्नदीनदसरस्तडागवापीकूपचुण्टीप्रस्रवणोद्भिदविकिरकेदारपल्वलादिषु स्थानेष्ववस्थितमिति॥ |
Reference: | 1.1.45.4.0(पूर्व>सूत्र>द्रवद्रव्यविधिम्>सूत्र#4.0) |
Tantra: | पूर्व |
Sthana: | सूत्र |
Adhyaya: | द्रवद्रव्यविधिम् |
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