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Sutra: | मांसप्रक्षालनाभं क्वथितमिव च यत्कर्दमाम्भोनिभं वा भेदःपूयास्रकल्पं यकृदिव यदि वा पक्वजम्बूफलाभम्। यत् कृष्णं यच्च नीलं भृशमतिकुणपं यत्र चोक्ता विकारास्तद्वर्ज्यम्रक्तपित्तं सुरपतिधनुषा यच्च तुल्यं विभाति॥ |
Reference: | 1.1.45.10.0(पूर्व>सूत्र>द्रवद्रव्यविधिम्>सूत्र#10.0) |
Tantra: | पूर्व |
Sthana: | सूत्र |
Adhyaya: | द्रवद्रव्यविधिम् |
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