Index Search for 'रकसोच्यते' |
Sutra: | स्फोटैः सदाहैरति सैव कच्छूः स्फिक्पाणिपादप्रभवैर्निरूप्या। कण्ड्वन्विता या पिडका शरीरे संस्रावहीनारकसोच्यते सा॥ |
Reference: | 1.1.5.15.0(पूर्व>सूत्र>अग्रोपहरणीयम्>सूत्र#15.0) |
Tantra: | पूर्व |
Sthana: | सूत्र |
Adhyaya: | अग्रोपहरणीयम् |
Search other sources: | search this word on other online resources
|