Index Search for 'यैर्गवाक्षितमिदं' |
Sutra: | मांससिरास्नाय्वस्थिजालानि प्रत्येकं चत्वारि चत्वारि, तानि मणिबन्धगुल्फसंश्रितानि परस्परनोबद्धानि परस्परसंश्लिष्टानि परस्परगवाक्षितानि चेति,यैर्गवाक्षितमिदं शरीरम्॥ |
Reference: | 1.1.5.12.0(पूर्व>सूत्र>अग्रोपहरणीयम्>सूत्र#12.0) |
Tantra: | पूर्व |
Sthana: | सूत्र |
Adhyaya: | अग्रोपहरणीयम् |
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