Index Search for 'यात्यजस्रं' |
Sutra: | सद्यो विद्धं निस्रवेत् कृष्णरक्तं पाकं यायाद्दह्यते चाप्यभीक्ष्णम्। कृष्णीभूतं क्लिन्नमत्यर्थपूति शीर्णं मांसंयात्यजस्रं क्षताच्च॥ |
Reference: | 1.1.5.57.0(पूर्व>सूत्र>अग्रोपहरणीयम्>सूत्र#57.0) |
Tantra: | पूर्व |
Sthana: | सूत्र |
Adhyaya: | अग्रोपहरणीयम् |
Search other sources: | search this word on other online resources
|