Index Search for 'यस्यान्त्रमन्नैरुपलेपिभिर्वा' |
Sutra: | यस्यान्त्रमन्नैरुपलेपिभिर्वा बालाश्मभिर्वा सहितैः पृथग् वा। सञ्चीयते तत्र मलः सदोषः क्रमेण नाड्यामिव सङ्करो हि॥ |
Reference: | 1.1.7.17.0(पूर्व>सूत्र>यन्त्रविधिम्>सूत्र#17.0) |
Tantra: | पूर्व |
Sthana: | सूत्र |
Adhyaya: | यन्त्रविधिम् |
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