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Sutra: | कालो हि नाम(भगवान्) स्वयम्भुरनादिमध्यनिधनः। अत्र रस व्यापत्संपत्ती जीवितमरणे च मनुष्याणामायत्ते। स सूक्ष्मामपि कलां न लीयत इति कालः, सङ्कलयति कालयति वाभू्तानीति कालः॥ |
Reference: | 1.1.6.3.0(पूर्व>सूत्र>ऋतुचर्यम्>सूत्र#3.0) |
Tantra: | पूर्व |
Sthana: | सूत्र |
Adhyaya: | ऋतुचर्यम् |
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