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Sutra: | तत्र लोहितकपिलपाण्डुनीलपीतशुक्लेष्ववनिप्रदेशेषु मधुराम्ललवणकटुतिक्तकषायाणि यथासङ्ख्यमुदकानि सम्भवन्तीत्येकेभाषन्ते॥ |
Reference: | 1.1.45.5.0(पूर्व>सूत्र>द्रवद्रव्यविधिम्>सूत्र#5.0) |
Tantra: | पूर्व |
Sthana: | सूत्र |
Adhyaya: | द्रवद्रव्यविधिम् |
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