Index Search for 'भागैरर्धपलिकैर्घृतप्रस्थं' |
Sutra: | भल्लातकबिल्वाम्बुपिप्पलीमूलोदकीर्यावर्षाभूपुनर्नवाचित्रकशटीस्नुहीवरुणकपुष्करदन्तीपथ्या दशपलोन्मितान् यवकोलकुलत्थांश प्रास्थिकान् सलिलद्रोणे निःक्वाथ्य चतुर्भागावशिष्टेऽवतार्य वचात्रिवृत्कम्पिल्लकभार्गीनिचुलशुण्ठीगजपिप्पलीविडङ्गरोध्रशिरीषाणांभागैरर्धपलिकैर्घृतप्रस्थं विपाचयेन्मेहश्वयथुकुष्ठगुल्मोदरार्शःप्लीहविद्रधिपिडकानां नाशनं नाम्ना धान्वन्तरम्॥ |
Reference: | 1.1.12.5.0(पूर्व>सूत्र>अग्निकर्मविधिम्>सूत्र#5.0) |
Tantra: | पूर्व |
Sthana: | सूत्र |
Adhyaya: | अग्निकर्मविधिम् |
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