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'भवति॥'
Sutra:
प्रायेणैतास्तिस्रोऽश्मर्यो दिवास्वप्नसमशनाध्यशनशीतस्निग्धगुरुमधुराहारप्रियत्वाद् विशेषेण बालानां भवन्ति; तेषामेवाल्पबस्तिकायत्वादनुपचितमांसत्वाच्च बस्तेः सुखग्रहणा भवन्ति। महतां तु शुक्राश्मरी शुक्रनिमित्ता
भवति॥
Reference:
1.1.3.11.0(पूर्व>सूत्र>अध्ययनसंप्रदानीयम्>सूत्र#11.0)
Tantra:
पूर्व
Sthana:
सूत्र
Adhyaya:
अध्ययनसंप्रदानीयम्
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