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Sutra: | स्विन्नानि गुङतैलाभ्यांभक्षयेद्वदराणि च। स्विन्नानि पिष्टवद्वाऽपि समं बिल्वशलाटुभि:॥ |
Reference: | 1.1.40.132.0(पूर्व>सूत्र>द्रव्यरसगुणवीर्यविपाकविज्ञानीयम्>सूत्र#132.0) |
Tantra: | पूर्व |
Sthana: | सूत्र |
Adhyaya: | द्रव्यरसगुणवीर्यविपाकविज्ञानीयम् |
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