Index Search for 'द्रवस्निग्धगुरुभिराहारैर्दिवास्वप्नक्रोधानलातपश्रमाभिघाताजीर्णविरुद्धाध्यशनादिभिर्विशेषैरसृक्' |
Sutra: | पित्तप्रकोपणैरेव चाभीक्ष्णंद्रवस्निग्धगुरुभिराहारैर्दिवास्वप्नक्रोधानलातपश्रमाभिघाताजीर्णविरुद्धाध्यशनादिभिर्विशेषैरसृक् प्रकोपमापद्यते। |
Reference: | 1.1.21.25.0(पूर्व>सूत्र>व्रणप्रश्नम्>सूत्र#25.0) |
Tantra: | पूर्व |
Sthana: | सूत्र |
Adhyaya: | व्रणप्रश्नम् |
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