Index Search for 'दार्वीत्वक्पिप्लीशुण्ठीलाक्षाशक्रयवैघ्रुतम्॥' |
Sutra: | क्षीरिशुङ्गश्रृतमं सर्पि: पिबेत् सक्षौद्रशर्करम्।दार्वीत्वक्पिप्लीशुण्ठीलाक्षाशक्रयवैघ्रुतम्॥ |
Reference: | 1.1.40.104.0(पूर्व>सूत्र>द्रव्यरसगुणवीर्यविपाकविज्ञानीयम्>सूत्र#104.0) |
Tantra: | पूर्व |
Sthana: | सूत्र |
Adhyaya: | द्रव्यरसगुणवीर्यविपाकविज्ञानीयम् |
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