Index Search for 'दन्तस्फ़टिकवैदूर्यशङ्खशैलासनोद्भवे' |
Sutra: | दन्तस्फ़टिकवैदूर्यशङ्खशैलासनोद्भवे । शात्कुम्भेऽथ शार्ङे वा राजते वा सुसंस्कृते। सहस्रपकवत् पूजां कृत्वा राज्ञः प्रयोजयेत्॥ |
Reference: | 1.1.18.92.0(पूर्व>सूत्र>व्रणालेपनबन्धविधिम>सूत्र#92.0) |
Tantra: | पूर्व |
Sthana: | सूत्र |
Adhyaya: | व्रणालेपनबन्धविधिम |
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