Index Search for 'जाशकृद्गोदन्तशरशलाकास्त्वग्गतानां,' |
Sutra: | अथेमानि दहनोपकरणानि भवन्ति। तद्यथा- पिप्पलजाशकृद्गोदन्तशरशलाकाजाम्बवौष्ठेतरलौहाः क्षुद्रगुडस्नेहाश्च। तत्र पिप्पल्यजाशकृद्गोदन्तशरशलाकास्त्वग्गतानां, जाम्बवौष्ठेतरलौहा मांसगतानां, क्षौद्रगुडस्नेहाः सिरास्नायुसन्ध्यस्थिगतानाम्॥ |
Reference: | 1.1.12.4.0(पूर्व>सूत्र>अग्निकर्मविधिम्>सूत्र#4.0) |
Tantra: | पूर्व |
Sthana: | सूत्र |
Adhyaya: | अग्निकर्मविधिम् |
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