Index Search for 'जङ्गमेभ्यश्चर्मनखरोमरुधिरादयः॥' |
Sutra: | तत्र स्थावरेभ्यस्त्वक्पत्रपुष्पफलमूलकन्दनिर्यासस्वरसादयः प्रयोजनवन्तः,जङ्गमेभ्यश्चर्मनखरोमरुधिरादयः॥ |
Reference: | 1.1.1.30.0(पूर्व>सूत्र>वेदोत्पत्तिः>सूत्र#30.0) |
Tantra: | पूर्व |
Sthana: | सूत्र |
Adhyaya: | वेदोत्पत्तिः |
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