Index Search for 'घोरं' |
Sutra: | संशम्यापां धातुरन्त: कृशानुं वर्चो मिश्रो मारुतेन प्रणुन्न:। वृद्धोऽतीवाध: सरत्येष यस्माद्वयाधिंघोरं तं त्वतीसारमाहु:॥ |
Reference: | 1.1.40.6.0(पूर्व>सूत्र>द्रव्यरसगुणवीर्यविपाकविज्ञानीयम्>सूत्र#6.0) |
Tantra: | पूर्व |
Sthana: | सूत्र |
Adhyaya: | द्रव्यरसगुणवीर्यविपाकविज्ञानीयम् |
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