Index Search for 'घृतं' |
Sutra: | कल्केन मगधादेश्च चाङ्गेरीस्वरसेन वा। चतुर्गुणेन दध्ना चघृतं सिद्धं हितं भवेत्॥ |
Reference: | 1.1.40.180.0(पूर्व>सूत्र>द्रव्यरसगुणवीर्यविपाकविज्ञानीयम्>सूत्र#180.0) |
Tantra: | पूर्व |
Sthana: | सूत्र |
Adhyaya: | द्रव्यरसगुणवीर्यविपाकविज्ञानीयम् |
Search other sources: | search this word on other online resources
|