Index Search for 'क्षुविकारदधिपिष्टान्नाम्लयवागूपानि' |
Sutra: | सर्व एव च परिहरेयुः सौवीरकतुषोदकशुक्तमैरेयसुरासवतोयपयस्तैल घृतेक्षुविकारदधिपिष्टान्नाम्लयवागूपानि ग्राम्यानूपौदकमांसानि चेति॥ |
Reference: | 1.1.11.4.0(पूर्व>सूत्र>क्षारपाकविधिम्>सूत्र#4.0) |
Tantra: | पूर्व |
Sthana: | सूत्र |
Adhyaya: | क्षारपाकविधिम् |
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