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Sutra: | अथास्य प्रत्यङ्गलक्षणसमासः- तत्र शल्यं नाम विविधतृणकाष्ठपाषाणपांशुलोहलोष्टास्थिबालनख पूयास्रावदुष्टव्रणान्तर्गर्भ शल्योद्धरणार्थं, यन्त्रशस्त्रक्षाराग्निप्रणिधानव्रणविनिश्चयार्थं च॥ |
Reference: | 1.1.1.7.0(पूर्व>सूत्र>वेदोत्पत्तिः>सूत्र#7.0) |
Tantra: | पूर्व |
Sthana: | सूत्र |
Adhyaya: | वेदोत्पत्तिः |
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