Index Search for 'अज्ञानलोभाहितवाक्ययोगभयप्रमोहैरपैश्च' |
Sutra: | अज्ञानलोभाहितवाक्ययोगभयप्रमोहैरपैश्च भावैः। यदा प्रयुञ्जीत भिषक् कुशस्त्रं तदा स शेषान् कुरुते विकारान्। |
Reference: | 1.1.25.31.0(पूर्व>सूत्र>अष्टविधशस्त्रकर्मीयम्>सूत्र#31.0) |
Tantra: | पूर्व |
Sthana: | सूत्र |
Adhyaya: | अष्टविधशस्त्रकर्मीयम् |
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