Index Search for 'षण्णां' |
Shloka: | रुद्रस्य वह्नेः स्वाहायाःषण्णां स्त्रीणां च तेजसा । जातः स्कन्दः सुरश्रेष्ठो रुद्रसूनुस्ततोऽभवत् ॥ |
Reference: | 3.37.218.0.30(वनपर्व (आरण्यकपर्व)>मार्कण्डेयसमस्यापर्व>अष्टादशाधिकद्विशततमोऽध्यायः>श्लोक#30) |
Parva: | वनपर्व (आरण्यकपर्व) |
Upaparva: | मार्कण्डेयसमस्यापर्व |
Adhyaya: | अष्टादशाधिकद्विशततमोऽध्यायः |
Akhyana: | |
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