Index Search for 'षड्भिः' |
Shloka: | निवसन्ति वने ये तु तस्मिंश्चैत्ररथे जनाः । तेऽब्रुवन्नेष नोऽनर्थः पावकेनाहृतो महान् । संगम्यषड्भिः पत्नीभिः सप्तर्षीणामिति स्म ह ॥ |
Reference: | 3.37.215.0.2(वनपर्व (आरण्यकपर्व)>मार्कण्डेयसमस्यापर्व>पञ्चदशाधिकद्विशततमोऽध्यायः>श्लोक#2) |
Parva: | वनपर्व (आरण्यकपर्व) |
Upaparva: | मार्कण्डेयसमस्यापर्व |
Adhyaya: | पञ्चदशाधिकद्विशततमोऽध्यायः |
Akhyana: | |
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