Index Search for 'षड्देव्यस्तत्सकाशमथागमन्' |
Shloka: | मार्कण्डेय उवाच - श्रिया जुष्टं महासेनं देवसेनापतिं कृतम् । सप्तर्षिपत्न्यःषड्देव्यस्तत्सकाशमथागमन् ॥ |
Reference: | 3.37.219.0.1(वनपर्व (आरण्यकपर्व)>मार्कण्डेयसमस्यापर्व>एकोनविंशत्यधिकद्विशततमोऽध्यायः>श्लोक#1) |
Parva: | वनपर्व (आरण्यकपर्व) |
Upaparva: | मार्कण्डेयसमस्यापर्व |
Adhyaya: | एकोनविंशत्यधिकद्विशततमोऽध्यायः |
Akhyana: | |
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