Index Search for 'षट्कृत्वस्तत्तु' |
Shloka: | षट्कृत्वस्तत्तु निक्षिप्तमग्ने रेतः कुरूत्तम । तस्मिन्कुण्डे प्रतिपदि कामिन्या स्वाहया तदा ॥ |
Reference: | 3.37.214.0.15(वनपर्व (आरण्यकपर्व)>मार्कण्डेयसमस्यापर्व>चतुर्दशाधिकद्विशततमोऽध्यायः>श्लोक#15) |
Parva: | वनपर्व (आरण्यकपर्व) |
Upaparva: | मार्कण्डेयसमस्यापर्व |
Adhyaya: | चतुर्दशाधिकद्विशततमोऽध्यायः |
Akhyana: | |
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