Index Search for 'लोहितः' |
Shloka: | कुक्कुटश्चाग्निना दत्तस्तस्य केतुरलंकृतः । रथे समुच्छ्रितो भाति कालाग्निरिवलोहितः ॥ |
Reference: | 3.37.218.0.32(वनपर्व (आरण्यकपर्व)>मार्कण्डेयसमस्यापर्व>अष्टादशाधिकद्विशततमोऽध्यायः>श्लोक#32) |
Parva: | वनपर्व (आरण्यकपर्व) |
Upaparva: | मार्कण्डेयसमस्यापर्व |
Adhyaya: | अष्टादशाधिकद्विशततमोऽध्यायः |
Akhyana: | |
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