Index Search for 'लोमशम्' |
Shloka: | ते दृष्ट्वा धर्मराजानं देवर्षिं चापिलोमशम् । नकुलं सहदेवं च तथान्यान्ब्राह्मणर्षभान् । विनयेनानताः सर्वे प्रणिपेतुश्च भारत ॥ |
Reference: | 3.33.153.0.30(वनपर्व (आरण्यकपर्व)>तीर्थयात्रापर्व>त्रिपञ्चाशदधिकशततमोऽध्यायः>श्लोक#30) |
Parva: | वनपर्व (आरण्यकपर्व) |
Upaparva: | तीर्थयात्रापर्व |
Adhyaya: | त्रिपञ्चाशदधिकशततमोऽध्यायः |
Akhyana: | |
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