Index Search for 'लोमश' |
Shloka: | लोमश उवाच - समुत्थितेष्वथ सर्वेषु राजन्विप्रेषु तेष्वधिकं सुप्रभेषु । अनुज्ञातो जनकेनाथ राज्ञा विवेश तोयं सागरस्योत बन्दी ॥ |
Reference: | 3.33.134.0.37(वनपर्व (आरण्यकपर्व)>तीर्थयात्रापर्व>चतुस्त्रिंशदधिकशततमोऽध्यायः (134)>श्लोक#37) |
Parva: | वनपर्व (आरण्यकपर्व) |
Upaparva: | तीर्थयात्रापर्व |
Adhyaya: | चतुस्त्रिंशदधिकशततमोऽध्यायः (134) |
Akhyana: | |
Search other sources: | search this word on other online resources
|