Index Search for 'लोमश' |
Shloka: | लोमश उवाच - अष्टावक्रः समितौ गर्जमानो जातक्रोधो बन्दिनमाह राजन् । उक्ते वाक्ये चोत्तरं मे ब्रवीहि वाक्यस्य चाप्युत्तरं ते ब्रवीमि ॥ |
Reference: | 3.33.134.0.6(वनपर्व (आरण्यकपर्व)>तीर्थयात्रापर्व>चतुस्त्रिंशदधिकशततमोऽध्यायः (134)>श्लोक#6) |
Parva: | वनपर्व (आरण्यकपर्व) |
Upaparva: | तीर्थयात्रापर्व |
Adhyaya: | चतुस्त्रिंशदधिकशततमोऽध्यायः (134) |
Akhyana: | |
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