Index Search for 'लोमश' |
Shloka: | लोमश उवाच - तं दृष्ट्वा घोरवदनं मदं देवः शतक्रतुः । आयान्तं भक्षयिष्यन्तं व्यात्ताननमिवान्तकम् ॥ |
Reference: | 3.33.125.0.1(वनपर्व (आरण्यकपर्व)>तीर्थयात्रापर्व>पञ्चविंशत्यधिकशततमोऽध्यायः (125)>श्लोक#1) |
Parva: | वनपर्व (आरण्यकपर्व) |
Upaparva: | तीर्थयात्रापर्व |
Adhyaya: | पञ्चविंशत्यधिकशततमोऽध्यायः (125) |
Akhyana: | |
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