Index Search for 'लोमश' |
Shloka: | लोमश उवाच - देवानामेति कौन्तेय तथा राज्ञां सलोकताम् । वैडूर्यपर्वतं दृष्ट्वा नर्मदामवतीर्य च ॥ |
Reference: | 3.33.121.0.18(वनपर्व (आरण्यकपर्व)>तीर्थयात्रापर्व>एकविंशत्यधिकशततमोऽध्यायः (121)>श्लोक#18) |
Parva: | वनपर्व (आरण्यकपर्व) |
Upaparva: | तीर्थयात्रापर्व |
Adhyaya: | एकविंशत्यधिकशततमोऽध्यायः (121) |
Akhyana: | |
Search other sources: | search this word on other online resources
|