Index Search for 'लोमश' |
Shloka: | लोमश उवाच - सा तानि सर्वाणि विसर्जयित्वा भक्षान्महार्हान्प्रददौ ततोऽस्मै । तान्यृश्यशृङ्गस्य महारसानि भृशं सुरूपाणि रुचिं ददुर्हि ॥ |
Reference: | 3.33.111.0.13(वनपर्व (आरण्यकपर्व)>तीर्थयात्रापर्व>एकादशाधिकशततमोऽध्यायः (111)>श्लोक#13) |
Parva: | वनपर्व (आरण्यकपर्व) |
Upaparva: | तीर्थयात्रापर्व |
Adhyaya: | एकादशाधिकशततमोऽध्यायः (111) |
Akhyana: | |
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