Index Search for 'लोभोऽस्ति' |
Shloka: | आर्याः खादत मां शीघ्रं न मेलोभोऽस्ति जीविते । विना तं पुण्डरीकाक्षं नीलकुञ्चितमूर्धजम् ॥ |
Reference: | 3.42.264.0.49(वनपर्व (आरण्यकपर्व)>द्रौपदीहरणपर्व>चतुःषष्ट्यधिकद्विशततमोऽध्यायः>श्लोक#49) |
Parva: | वनपर्व (आरण्यकपर्व) |
Upaparva: | द्रौपदीहरणपर्व |
Adhyaya: | चतुःषष्ट्यधिकद्विशततमोऽध्यायः |
Akhyana: | |
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