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Shloka: | न कश्चित्कस्यचिच्छ्रोता न कश्चित्कस्यचिद्गुरुः । तमोग्रस्तस्तदालोको भविष्यति नराधिप ॥ |
Reference: | 3.37.188.0.46(वनपर्व (आरण्यकपर्व)>मार्कण्डेयसमस्यापर्व>अष्टाशीत्यधिकशततमोऽध्यायः>श्लोक#46) |
Parva: | वनपर्व (आरण्यकपर्व) |
Upaparva: | मार्कण्डेयसमस्यापर्व |
Adhyaya: | अष्टाशीत्यधिकशततमोऽध्यायः |
Akhyana: | |
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