Index Search for 'लोकेऽस्मिन्यदोत्पत्स्यन्ति' |
Shloka: | दैत्या हिंसानुरक्ताश्च अवध्याः सुरसत्तमैः । राक्षसाश्चापिलोकेऽस्मिन्यदोत्पत्स्यन्ति दारुणाः ॥ |
Reference: | 3.37.187.0.27(वनपर्व (आरण्यकपर्व)>मार्कण्डेयसमस्यापर्व>सप्ताशीत्यधिकशततमोऽध्यायः>श्लोक#27) |
Parva: | वनपर्व (आरण्यकपर्व) |
Upaparva: | मार्कण्डेयसमस्यापर्व |
Adhyaya: | सप्ताशीत्यधिकशततमोऽध्यायः |
Akhyana: | |
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